Bedroom vastu tips in hindi 9 point
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Bedroom vastu tips in hindi 9 point |
vastu shastra bedroom position
नमस्कार दोस्तों आप सभी का एक बार फिर से हमारे ब्लॉग पर स्वागत है आज हम बात कर रहे हैं बेडरूम की बैडरूम जहां हर व्यक्ति अपनी शांति ढूंढता है, मनुष्य अपने जीवन का लगभग एक तिहाई भाग बिस्तर पर ही गुजार देता है, और बिस्तर Bedroom में होता है। यहां आदमी दिन भर की थकान को दूर करता है और अपने शरीर को फिर से कार्य करने के लिए ऊर्जावान बनाता है, सभी तनाव को यह दूर कर देता है, और तरोताजा होकर नई ऊर्जा के साथ फिर से अपने कार्य को अंजाम देने के लिए निकल पड़ता है। सुखी दांपत्य जीवन, वंश वृद्धि, इस पूरी प्रक्रिया में Bedroom बहुत अहम भूमिका निभाता है।
वह
चाहे बुजुर्गों का हो, बच्चों का हो, किसी स्त्री का हो या किसी दंपत्ति(पति पत्नी)का हो यदि
आराम में उन्हें कोई भी दिक्कत होगी तो अगले दिन ऊर्जा की कमी की वजह से उनका शरीर
सुस्त होगा किसी कार्य में मन नहीं लगेगा । वृद्ध होगा तो क्रोध आएगा, बच्चा
होगा तो स्कूल में पढ़ाई में मन नहीं लगेगा और
वयस्क है
तो व्यापार या नौकरी में मन नहीं लगेगा और
झुंझलाहट
आएगी दांपत्य जीवन दुखों से भर जाएगा और समाज में भी सद्भावना व सहयोग की कमी हो
जाएगी। इसलिए शास्त्रों में इसे बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया है।
तो बात घूम फिर कर के Bedroom पर ही आ जाती है , और आपने यह भी देखा कि बैडरूम का
सही दिशा और सही तरीके से निर्मित होना कितना आवश्यक है
शास्त्रों में बेडरूम Bedroom की व्यवस्था
कुछ (8 point) अन्य महत्वपूर्ण बातें बेडरूम के विषय में
बेडरूम में बेड की स्थिति
किधर सिर रखें और किधर ऩ रखें
भूलकर भी न करें यह कार्य
Bedroom में फर्नीचर
Bedroom में beam के नीचे भूलकर भी न सोएं
बैडरूम से अटैच बाथरूम-bedroom attached bathroom
शास्त्रों में बेडरूम Bedroom की व्यवस्था
आज भी यदि भारत की बात की जाए तो
यहां संयुक्त परिवार प्रणाली का प्रचलन अभी भी देखने को मिल जाएगा और शास्त्रों के
समय में तो संयुक्त परिवार ही संपूर्ण परिवार माना जाता था इसलिए शास्त्रों में इसी क्रम में बेडरूम की व्यवस्था
करने का व्याख्यान मिलता है शास्त्र के अनुसार सबसे बड़े पुरुष
सदस्य जिसका कमाई में सबसे ज्यादा योगदान हो उसे दक्षिण- पश्चिम का बेडरूम की बात
कही है उस छोटे भाई या पुत्र को उत्तर पश्चिम में शयन कक्ष देने की बात को
स्वीकृति दी है तीसरे पुत्र को या भाई को दक्षिण पूर्व और सबसे छोटे भाई या पुत्र
को उत्तर पूर्व में बेडरूम बनाने की बात कही गई है
कुछ (9 point) अन्य महत्वपूर्ण बातें बेडरूम के विषय में
उत्तर की तरफ यदि बच्चों का बेडरूम या चिल्ड्रन रूम
बनाया जाता है तो विद्या के क्षेत्र में यश व प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं बच्चे, विवाहित दंपत्ति के बेडरूम होने पर हमेशा पैसों की तंगी से जूझना होगा उत्तर पूर्व में निर्मित बैडरूम बहुत छोटे बच्चों के लिए या
बुजुर्गों के लिए ही उपयोग करना चाहिए अन्यथा इस जगह पर पूजा रूम ही होना चाहिए।
पूर्व में यदि किसी बुजुर्ग का बैडरूम हो तो यह शुभ संकेत है, क्योंकि यह दिशा
समाज से जोड़कर चलने वाली दिशा है यदि किसी दंपत्ति का बैडरूम यहां स्थित है तो
पुरुष को आर्थिक कष्ट सहन करना पड़ेगा और स्त्री को प्रसव के दौरान अत्यधिक पीड़ा सहानी पड़ेगी। दक्षिण पूर्व का
बेडरूम व्यर्थ का विवाद बढ़ाने वाला फिजूलखर्ची बढ़ाता है गर्भधारण में समस्याएं देता है किंतु तीसरे पुत्र के
लिए यह स्थान शुभ होता है। अत्यधिक ऊर्जा होने की वजह से कामुकता को भी बढ़ाता है।
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bed arrangement vastu tips |
पश्चिम में निर्मित बैडरूम बच्चों
के शयनकक्ष के लिए उपयुक्त है किंतु नव दंपत्ति के लिए यह जगह फसाद की जड़ बन सकता
है पुरुष को मेहनत भी अत्यधिक करनी पड़ सकती है। उत्तर पश्चिम में निर्मित बैडरूम
अतिथि व ऐसे बच्चे जो पढ़ लिख कर दूर या बाहर जाना चाहते हो उनके लिए सबसे अच्छा
है क्योंकि यह वायव्य कोण भी है। यदि यहां गृहस्वामी सोएगा तो उसके मन में चिंता
व्यग्रता धन हानि का भय एवं पत्नी को कोई न कोई समस्या या रोग लगी रहेगी।
शास्त्रों में बेडरूम की स्थिति के
लिए कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं, जिनमें बेडरूम में बेड रखने पर उत्तर
पूर्व में अधिक खाली स्थान बचे और बेड को आडा-तिरछा कदापि न लगाएं ऐसा करने से दांपत्य जीवन
में तनाव उत्पन्न होने लगता है
किधर सिर रखें और किधर ऩ रखें ?
मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण
अंग मनुष्य का सिर है और सबसे भारी भी, इस लिए सिर को दक्षिण या पश्चिम की दिशा
में सबसे शुभ माना जाता है। अतः सोते समय व्यक्ति का सिर दक्षिण दिशा में
हो या पश्चिम दिशा में हो, तीसरी दिशा पूर्व भी हो सकती है। यदि किसी वृद्ध
व्यक्ति या चिंतित व्यक्ति के लिए सिर की स्थिति शास्त्रों में दक्षिण कही गई है क्योंकि यह
चिंता मुक्त करने के लिए उपयुक्त स्थान है। बच्चों को स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए
पूर्व दिशा कहीं गई है और एक व्यक्ति के लिए आरामदायक निंद्रा के लिए पश्चिम दिशा
निर्धारित की गई है
भूलकर भी न करें यह कार्य
बेडरूम में बेड को उत्तर पूर्व की
दिशा में, और सिर को उत्तर की दिशा में भूलकर भी न करें क्योंकि जिस प्रकार से मैग्नेटिक
एनर्जी हमारे पृथ्वी पर कार्य करती है ठीक उसी प्रकार से हमारे शरीर पर भी यह
मैग्नेटिक एनर्जी कार्य करती है। हमारा सिर उत्तर और पैर दक्षिण को दर्शाता है ऐसी
स्थिति में same polarity होने की वजह उत्तर में सिर होने से एक्शन और
रिफ्लेक्शन से व्यक्ति को गुजरना पड़ता है और व्यक्ति चिंता पेंशन के साथ
किसी बड़ी बीमारी से भी ग्रसित हो जाता है। बुरे स्वप्न आते हैं और व्यक्ति हमेशा
दुखी ही रहेगा।
Bedroom में फर्नीचर
Bedroom में फर्नीचर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाएं। यदि दर्पण को लगाना हो तो बेड में
सोने वाले व्यक्ति का प्रतिबिंब दर्पण में नहीं दिखना चाहिए, इस प्रकार से दर्पण
लगाएं। दर्पण को दक्षिण व पश्चिम की दिशा में ना लगाएं, दर्पण उत्तर पूर्व या उत्तर किया
पूर्व दिशा में लगाए जा सकते हैं।
Bedroom में beam के नीचे भूलकर भी न सोएं
भवन निर्माण के समय बीम (beam) का निर्माण जरूरी होता है।
क्योंकि यही है जो हमारे घर की छतों का बोझ अपने ऊपर उठाती है, और हर समय खुद तनाव सहकर हमें आराम देती है। किंतु कुछ फायदे के साथ दिन कुछ
नुकसान भी देती है यह ऊर्जा के flow को रोकती है, और जिस जगह ऊर्जा का flow
रुकता है
वहां की ऊर्जा नकारात्मक रूप ले लेती है। ठीक उसी प्रकार से जैसे रुका पानी सड़ने
लगता है। इसलिए दोस्तों बीम के नीचे यदि बेड तो व्यक्ति को चैन की नींद नहीं आएगी और वो
टेंसन में रहने लगेगा और कब वह insomnia,
depression, anxiety रोग से ग्रसित हो जाएगा उसे पता ही नहीं चलेगा।
ऊपरी मंजिल पर बना बैडरूम बाजे( porch) पर घर से बाहर निकला हुआ नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार बेसमेंट
में भी बेडरूम को शास्त्रों में वर्जित कहा गया है।
Bedroom से अटैच बाथरूम में टॉयलेट (toilet) पश्चिम दीवार के साथ हो तो अच्छा है, अन्यथा उत्तर पश्चिम या ठीक दक्षिण में ना होकर पश्चिम की तरफ थोड़ा हटकर बना हो तो यह उचित
होगा। attached bathroom (अटैच बाथरूम) का दरवाजा हमेशा
बाथरूम की तरफ खुले, बेडरूम की तरफ ना खुले इस बात का ध्यान रखें और जरूरत हो तो
ही खोलें अन्यथा उसे बंद ही रहने दें। क्योंकि टॉयलेट से हर समय नेगेटिव एनर्जी
निकलती है इसलिए संभव हो तो एक Exhaust की व्यवस्था या खुली खिड़की अवश्य
होनी चाहिए। शौचालय की स्थिति सही नहीं होगी तो भी यह व्यक्ति के आराम में खलल
डालेगा।
अपने कामकाज के तनाव से मुक्ति पाने के लिए bedroom को सोच समझकर निर्मित कराएं। यदि भवन शास्त्र सम्मत निर्मित
होता है, तो व्यक्ति के लिए प्रसिद्धि का कारण भी यही बनता है और यदि नियमों को
ताक पर रखकर बनाया जाए तो वही भवन उसे टेंशन देने का भी कार्य करता है इसलिए
वास्तु शास्त्र के महत्व को समझें और भवन को वास्तु भवन बनाएं।
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धन्यवाद
Nice blog
ReplyDeleteThanks
DeleteGood suggestion
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