रक्षाबंधन, raksha bandhan shubh muhurat 2019 in hindi astrovastusarvesh
रक्षाबंधन 5 अक्षरों का एक शब्द जिसका अर्थ होता है वचन और
रक्षा कवच। आज के समय में भाई बहन के रिश्ते को कच्चे धागों से बांधकर रिश्ते को अटूट बंधन का
रूप देने का कार्य करता है यह त्यौहार। यह भाई बहन के प्रेम का प्रतीक बन कर चारों
ओर अपनी छटा बिखेरता है। यह एक सात्विक एवं पवित्र त्यौहार होता है। रक्षाबंधन का
इंतजार बहने साल भर तक करती हैं ताकि वह अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र को बांध
सकें और भाई को अपने प्रेम की शक्ति दे सकें। नमस्कार दोस्तो मै astrovastusarvesh आप सभी का स्वागत कर्ता हु।
![]() |
रक्षाबंधन, raksha bandhan shubh muhurat 2019 in hindi astrovastusarvesh |
रक्षाबंधन का इतिहास
इस पर्व को
मनाने के पीछे कई कहानियां हैं जो इतिहास के पन्नों पर हमें मिलती हैं। वैसे तो
कृष्ण और द्रोपति के समय से रक्षा बंधन का उदाहरण मिलता है, एक कहानी के अनुसार
भगवान कृष्ण ने दुष्ट राजा शिशुपाल के साथ युद्ध कर विजई हुए उस युद्ध के दौरान ही
श्री कृष्ण के बाएं हाथ की कलाई से खून बह रहा था इसे देखकर द्रोपति ने झट से अपनी साड़ी फाड़ कर
उसका टुकड़ा श्री कृष्ण जी के कलाई में बांधा था, जिससे उनका खून बहना बंद हो गया
तब श्री कृष्ण जी ने वचन दिया था की, हे द्रोपति तुमने जो कार्य किया है वह भविष्य
में भाई बहन के लिए एक प्रतीक बनेगा। और तभी से श्री कृष्ण जी ने द्रोपदी को अपनी
बहन के रूप में स्वीकार किया और वर्षों बाद जब द्रोपदी पर भरी सभा में चीर हरण की
मुसीबत आई तो श्री कृष्ण जी ने भरी सभा में उनकी लाज बचाने का कार्य किया था। इसके
बाद अनेक राजाओं ने इस बंधन को बड़ी बखूबी से निभाया था जिसमें रानी कर्णावती और
सम्राट हुमायूं, एलेग्जेंडर व पीरु और कई और उदाहरण सामने आते हैं। जिन्होंने उस
रक्षा सूत्र को समझा और उसकी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। समय बीतता गया किंतु
रक्षा सूत्र आज भी उतना ही पवित्र और समाज में अपना एक महत्व रखता है।
शास्त्र संवत बात
इस त्यौहार की
पवित्रता और महत्व को देखते हुए इसके लिए शास्त्रों में शुभ मुहूर्त का वर्णन
किया जाता है और शास्त्र सम्मत है कि, इसे शुभ मुहूर्त में ही रक्षा सूत्र को
बांधना चाहिए ताकि इस त्यौहार की शुभता और इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाए और उस वक्त
उत्पन्न हुई ऊर्जा से भाई और बहन दोनों को एक नया साहस प्रेम और सौहार्द की
प्राप्ति हो और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से वह बचे जिससे किसी भी प्रकार का अनिष्ट
ना प्राप्त हो।
रक्षा बंधन का
शुभ मुहूर्त शस्त्रानुसार
शास्त्रों के
अनुसार जब सावन के मास में जिस दिन (तिथि) सूर्य और चंद्रमा की डिग्री 180 डिग्री हो जाए अर्थात पूर्णमासी का दिन हो उस दिन रक्षा बंधन के त्यौहार
को मनाना चाहिए, किंतु यदि भद्रा समय और श्रावण नक्षत्र या फागुनी नक्षत्र हो तो इस समय में रक्षा सूत्र नहीं बांधना चाहिए।
shubh muhurat 2019 in hindi
सन 2019 में रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए रक्षा सूत्र बांधने की तारीख 15 अगस्त पड़ रहा है यह दिन देश की स्वतंत्रता का दिवस भी है अतः दोहरी खुशी
का दिन किंतु हम बात यहां रक्षाबंधन की कर रहे हैं इसलिए इसी बात को आगे बढ़ाते
हुए रक्षाबंधन का अनुष्ठान का समय सुबह 5:59 से शाम को 5:
59 मिनट अर्थात 17:59 है जिसमें शुभ मुहूर्तका समय 1:44 अर्थात 13:44 से 16:22
तक का होगा।
रक्षाबंधन के
त्यौहार में शास्त्रों में भद्रा के समय को त्याज का समय कहा है किंतु, कभी-कभी
ऐसी परिस्थिति बन जाती है कि व्यक्ति शुभ समय में रक्षा सूत्र नहीं बांध पाता है
ऐसी स्थिति में उसे भद्रा का ध्यान देना चाहिए यदि भद्रा पड़ भी जाए और उसे रक्षा
सूत्र बांधना ही पड़े तो, भद्रा के मुख को छोड़कर यानी जिस समय से भद्रा का
प्रारंभ हो उस समय को छोड़कर उतरते समय में अर्थात भद्रा के समाप्ति के और बढ़ने
पर रक्षाबंधन का कार्य किया जा सकता है।
![]() |
रक्षाबंधन, raksha bandhan shubh muhurat 2019 in hindi astrovastusarvesh |
रक्षा बंधन के लिए उचित मुहूर्त का इंतजार
अधिकतर लोग करते हैं क्योंकि इसमें भाई राखी, कुमकुम, रोली, हल्दी,
चावल, दीपक, अगरबत्ती, मिठाई, इन सभी का उपयोग किया जाता है कुमकुम और हल्दी दोनों
से अपने भाई को बहन टीका करके अक्षत यानी चावल को टीका पर लगाया जाता है और भाई की
कलाई पर बहन राखी बांधती है और बहन अपने भाई की बालाएँ उतारने के लिए दीपक और
अगरबत्ती उतारती है और फिर भाई और बहन एक दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और प्रेम और
सौहार्द का यह त्यौहार एक दूसरे को प्रेम से भरे उपहार देकर पूरे दिन एक दूसरे के
साथ समय व्यतीत करके त्योहार को मनाते हैं घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए
जाते हैं। पुरोहितों के लिए दान की भी व्यवस्था बताई गई है शास्त्रों में।
शुभ मुहूर्त 2019 shubh muhurat 2019 in hindi
दिनांक 15 अगस्त
5:59 सुबह से
शाम 5:59 तक
शुभ मुहूर्त
दोपहर 1:44 से शाम 4:22 तक का है
तो दोस्तों astrovastusarvesh की तरफ से यह
थी रक्षाबंधन के बारे में थोड़ी बहुत परंतु महत्वपूर्ण जानकारी। इतिहास के पन्ने
यदि पलटे जाएं तो उदाहरण तो बहुत से मिल सकते हैं किंतु, जो आवश्यक बातें हैं मैंने
उन्हीं का जिक्र किया है इसके अलावा यदि मुहूर्त के महत्व को और गहराई से जानना चाहें तो हमारे मुहूर्त
के पेज को अवश्य
पढ़ें इससे किसी भी कार्य के लिए मुहूर्त के बारे में आपको सटीक जानकारी मिलेगी। तो
रक्षाबंधन के बारे में जितनी जानकारी मैंने आप सबके सामने रखी है, उम्मीद करता हूं
कि यह सभी जानकारियां आपके लिए लाभप्रद होगी। इसके
अलावा भी यदि कुछ और जानना चाहे तो हमें अवश्य मैसेज से, मेल से, या फिर फोन से
संपर्क जरूर करें यदि आप हमसे संपर्क करेंगे तो हमें बड़ी प्रसन्नता होगी और हमें प्रेरणा मिलेगी, इसी के साथ
धन्यवाद दोस्तों।
आपका दोस्त
Muhurat k bare me achhi jaankari di hai
ReplyDelete